जुलाई 11, 2024
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- दुनिया का इतिहास 500 साल पहले तक पुर्तगाली व्यापारियों की दुनिया, एक संतरे जितनी छोटी थी। वे पूरी दुनिया में सिर्फ़ एशिया, यूरोप और उत्तरी अफ़्रीक़ा से परिचित थे और ज़मीनी और समुद्री रास्तों से ईरान और रूम जैसे अमीर देशों से व्यापार करते थे। इस आधी-अधूरी दुनिया में जब भी लड़ाईयां कम होती थीं, व्यापारियों के बीच कम्पटीशन बढ़[...]
- दुनिया का इतिहास कोलंबस ने अपनी इच्छा पूरी करने के लिए स्पेन का रुख़ किया, और दरबार में जाने से पहले वह उस पादरी से मिलने गया, जिसके सामने रानी इसाबेला ने कंफ़ेशन किया था या अपना अपराध क़बूल किया था। कोलंबस ने पादरी से दोस्ती बढ़ाई और उसे यह यक़ीन दिलाया कि अगर हिंदुस्तान की दौलत स्पेन आ जाएगी,[...]
- दुनिया का इतिहास क्रिस्टोफर कोलंबस ने बड़ी चुनौतियों का सामना किया और सोना हासिल करने के लिए हर तरह की हिंसा का सहारा लिया, इसी हिंसा की वजह से उसके साथियों ने राजा से उसकी बुराई की।
- दुनिया का इतिहास पुर्तगाल, स्पने और फ़्रांस के बीच मुक़ाबला जारी था, इसी दौरान एक और ताक़तवार खिलाड़ी मैदान में कूद पड़ा। वर्षों से ब्रितानी शासकों ने इस मुक़ाबले में कुछ हिस्सा हासिल करने के लिए बहुत हाथ पैर मारे, लेकिन भाग्य में कुछ ऐसा लिखा था कि जो कारनामा मर्द शासक नहीं दिखा सके, वह एक महिला क्वीन एलिज़ाबेथ[...]
- दुनिया का इतिहास दुनिया भर की दौलत हड़पने के लिए स्पेन और पुर्तगाल के बीच मुक़ाबला जारी था। हर कोई अमरीका, अफ़्रीक़ा और एशिया में ज़्यादा से ज़्यादा इलाक़ों पर क़ब्ज़ा करना चाहता था। लेकिन इसके बावजूद, दोनों देशों के शाही परिवारों के बीच रिश्ते जोड़ने का सिलसिला जारी था। इनमें से हर देश को यह उम्मीद रहती थी कि[...]
- दुनिया का इतिहास स्पने दूसरा ऐसा मुल्क था, जिसने सपनों के शहर तक पहुंचने के लिए महसागर में अपने जहाज़ उतार दिए थे और आख़िरकार वह अपने सपनों के शहर तक पहुंच भी गया। स्पैनिशों ने एल-डोराडो को इन्का इलाक़े में खोज निकाला। वह इतने लालची थे कि उन्होंने इस इलाक़े के पूरे सोने पर हाथ साफ़ करने के लिए[...]
- दुनिया का इतिहास 7 हेनरी पुर्तगाल के पहले ऐसे प्रिंस थे, जिन्हें समुद्री यात्रा और नए इलाक़ों को खोजने का बहुत शौक़ था। उन्होंने पुर्तगालियों के लिए महासागरों के रास्ते खोल दिए और अफ़्रीक़ी तटों पर दक्षिण में एटलस महासागर की ओर बढ़कर यह साबित कर दिया कि अफ़्रीक़ा उससे कहीं ज़्यादा बड़ा है, जैसा उन्होंने सोचा था।
- हेनरी वोल्फ़ की तेहरान में मौजूदगी काफ़ी प्रभावशाली थी। रोथ्सचाइल्ड परिवार और बैरन जूलियस रॉयटर जैसे ब्रिटिश यहूदी बैंकरों के साथ उनके बहुत क़रीबी रिश्ते थे। इसीलिए उसने ईरान में ब्रिटिश आर्थिक नीतियों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
- फ़्रांसीसियों ने अपने अधिकारों के लिए क़रीब 10 साल तक संघर्ष किया और आख़िर में थोड़े समय के लिए सफलता का स्वाद चखा। कामयाबी के बाद उन्होंने अपने इंक़ेलाब के सिद्धांतों के आधार पर मानवाधिकार घोषणापत्र जारी किया।
- अमरीका के बड़े-बड़े फ़ार्म हाउसों में ग़ुलामों को एक बड़ी सी इमारत में रखा जाता था। यह इमारतें आम तौर पर लकड़ी से बनाई जाती थीं और हर इमारत में क़रीब 200 ग़ुलामों को रखा जाता था। इमारत के भीतर घुप अंधेरा होता था और सिर्फ़ एक छोटा सा रोशनदान होता था, जिसमें लोहे की सलाख़ें लगी होती थीं।
- जब यूरोपीय नाविकों ने समुद्र में अपने जहाज़ उतारे और नए इलाक़ों पर क़ब्ज़ा करना शुरू किया, तो ईसाई धर्मगुरुओं ने उनका साहस बढ़ाया। 16वीं सदी में जब अमरीका पर धीरे धीरे यूरोप ने शिकंजा कसना शुरू किया, तो उस समय कैथोलिए ईसाईयों का धार्मिक नेतृत्व, पोप जूलियस द्वितीय के हाथ में था।
- यूरोपीय मिशनरीज़ सिर्फ़ उन देशों के लोगों को जबरन ईसाई बना सकते थे, जहां कोई ताक़तवर शासन नहीं है, या लोग बिखरे हुए हैं और क़बीलों में बंटे हुए हैं। लेकिन जिन देशों में ताक़तर हुकूमतें थीं, वहां वे विभिन्न हीले बहानों से लोगों को ईसाई धर्म की ओर आमंत्रित करते थे।
- 1834 में भारत में अंग्रेज़ वायसरॉय ने एशिया के इस हिस्से के रास्तों का नक़्शा तैयार करने के लिए दो ब्रिटिश जासूसों को ज़िम्मेदार सौंपी। इन दोनों जासूसों को बुख़ारा शहर में पकड़ लिया गया।
- कुछ समय बाद, इंग्लैंड के विदेश मंत्री लॉर्ड क्लेरेंडन ने इस पादरी डॉक्टर को पूर्वी तट और अफ्रीक़ा के अनदेखे हिस्सों पर अंग्रेज़ी वाणिज्य दूत के रूप में नियुक्त किया। लिविंगस्टन को प्राप्त होने वाला पहला आधिकारिक आदेश, पूर्वी और मध्य अफ्रीक़ा के खनिज और कृषि संसाधनों की भौगोलिक स्थिति के बारे में जानकारी इकट्ठा करना था।
- एक दिन ब्राज़ील की एक फ़्लाइट में एक अधैड़ उम्र की गोरी महिला ने जब देखा कि उसकी सीट की बग़ल वाली सीट पर एक काला व्यक्ति बैठा है, तो ग़ुस्से से उसने एयर होस्टिस को बुलाया और कहाः क्या तुम्हें नहीं दिखाई दे रहा है कि मेरी बराबर वाली सीट पर एक काला आदमी बैठा है।
- अंग्रेज़ों ने जोखिम भरे महासागरों का सीना चीरा, ताकि नई दुनिया में क़दम रख सकें और उसे जीत सकें। 1585 में पहला ब्रिटिश जहाज़, वर्जीनिया पहुंचा। इस जहाज़ का कप्तान रिचर्ड ग्रैनविले था, जो ब्रिटिश नौसेना का अफ़सर था। वर्जीनिया के मूल नागरिक रेड इंडियंस बहुत मेहमान नवाज़ थे और उन्होंने बाहें फैलाकर अंग्रेज़ों का स्वागत किया।
- रेड इंडियंस क़बीलों को या तो अनुबंध पर हस्ताक्षर करके या बलपूर्वक मिसिसिपी नदी के दूसरी ओर भेज दिया गया, लेकिन सरकार एक क़बीले को स्थानांतरित करने की जल्दी में थी, उसका नाम था चेरोकी। जहां यह क़बीला बस्ता था, वहां की ज़मीन में सोना था।
- इंकास या दक्षिण अमरीकी मूल निवासी सोने को सूर्य के पसीने की बूंदें और चांदी को चंद्रमा के आंसू मानते थे। वे इसका इस्तेमाल सिर्फ़ आभूषणों के लिए करते थे। लेकिन जब उन्होंने यूरोपीय लोगों की इसमें बेतहाशा दिलचस्पी और सूर्य के पसीने और चंद्रमा के आंसुओं तक पहुंचने की ललक देखी, तो वे हैरान रह गए।
- यूरोप में एक के बाद एक क्रांति की आंधी चली, जिसके असर से कोई अछूता नहीं रहा। समृद्ध वर्ग के लोग इस आंधी की लहर पर सवार हो गए, लेकिन जो कमज़ोर वर्ग के लोग थे, उन्होंने अपना सब कुछ गंवा दिया।
- लड़ाईयों से यूरोप के एक हिस्से में शेयर और सोने की क़ीमतों में गिरावट आ जाती थी तो दूसरे हिस्से में यह बहुत ऊपर चली जाती थी। रोथ्सचाइल्ड ब्रदर्स एक दूसरे को इसकी जानकारी देते थे और शेयर और सोने का सौदा करके ख़ूब कमाई करते थे।
- इस हीरे को एक लैदर के बैग में रखकर कश्मीरी शाल और भेड़ की खाल में लपेटकर सी दिया गया था। इस शाल को डलहोज़ी ने अपनी कमर पर लपेट रखा था और वह इसे एक लम्हे के लिए भी अपनी कमर से नहीं खोलते थे। बैरन और बांदा नाम के दो हैवी कुत्ते हमेशा, लॉर्ड डलहोज़ी के साथ रहते[...]
- भारत पहुंचने के चार साल बाद, मोहम्मद सईद ने राजा से निकट होने का फ़ैसला किया। गोलकुंडा के राजा का नाम अब्दुल्लाह क़ुतुब शाह था और उसका वित्त मंत्री एक ईरानी था। सईद ने अपने हम वतन से संपर्क किया और दरबार में कोई काम देने का आग्रह किया।
- अहमद शाह का हिंदुस्तान पर हमला, एक ऐसी घटना थी, जिसका अंग्रेज़ों का इंतज़ार था
- सिन्धु नदी के तटीय इलाक़े में रहने वालों को एक सूट-बूट पहने एक अंग्रेज़ पर शक हो रहा था
- भारतीय पुरुषों ने भूख, अत्यधिक करों और लगान के भुगतान से छुटकारा पाने के लिए सेना में शामिल होने में रुचि दिखाई
- हिंदुस्तान में 1857 के ग़दर के बाद, इस देश में अंग्रेज़ों की हालत काफ़ी ख़स्ता हो गई थी
- हिंदुस्तान में ब्रिटिश बैंकों के सामने लोन लेने वाले भारतीय नागरिकों की क़तारें लग गईं
- हिंदुस्तान में उद्योगों के नष्ट होने के कारण, लाखों लोग बेरोज़गार हो गए
- एक बार ट्रेन में सवार होते हुए महात्मा गांधी का एक चप्पल पैर से निकलकर प्लेटफ़ार्म पर गिर गया
- तरीक़ते सफ़ाविया के अनुयायियों की संख्या दिन-ब-दिन बढ़ती गई
- 16वीं सदी का अंत था और शाह अब्बास सफ़वी को पता था कि यूरोपीय, ईरान के साथ संबंधों को लेकर आतुर हैं
- शाह अब्बास समझ गए थे कि यूरोपीय शासक और शासन ईसाई धर्म के प्रति काफ़ी संवेदनशाली हैं
- इस्फ़हान के पतन के बाद, तहमास्ब ने क़ज़वीन में शाह तहमास्ब द्वितीय होने का एलान कर दिया
- रूसी महारानी से शादी की चाहत का कोई नतीजा नहीं निकला, लेकिन इस मुद्दे को रूसी व्यापारियों ने ख़ूब भुनाया
- नादिर शाह की हत्या के बाद, उसके भतीजे अलीक़ुली मिर्ज़ा को ताज मिल गया
- ख़ार्क युद्ध में अंग्रेज़ों के कमज़ोर प्रदर्शन से नाराज़ करीम ख़ान ने बंदर अब्बास में एक बड़ी फ़ौज के इकट्ठा होने का आदेश जारी कर दिया
- जब ज़ंदिया राजवंश के अंतिम शासक लुत्फ़ अली ख़ान को आग़ा मोहम्मद ख़ान क़ाजार ने क़ैदी बना लिया
- फ़तह अली शाह ने अपने बहीदुर और साहसी बेटे अब्बास मिर्ज़ा को ईरान की सेना की कमान सौंप दी
- अमीर कबीर ख़ुरासान में सालार ख़ान की साज़िश का कोई समाधान खोजने का प्रयास कर रहे थे
- ईरान में क़ाजारियों के शासन की शुरूआत के साथ ही अंग्रेज़ों ने भारत पर क़ब्ज़ा पूरा कर लिया था
- पेरिस शांति संधि के बाद, ईरान के द्वार पूरी तरह से यूरोपीय उत्पादों के लिए खुल गए। इसका असर यह हुआ कि ईरान के हेंडीक्राफ़्ट्स ख़ास तौर पर कपड़ा उद्योग, जिसके उत्पाद मध्य एशिया और रूस को निर्यात किए जाते थे, नष्ट हो गया। सड़कें ग़रीब बेरोज़गार लोगों से भर गईं। बिल्कुल वही घटना, जो इससे पहले हिंदुस्तान में घट[...]
- तेहरान में रज़ा ख़ान और उसके सैनिकों के प्रवेश करते ही शहर की सुरक्षा छिन्न-भिन्न हो गई युद्ध के सभी मोर्चों पर जर्मन कमज़ोर पड़ते जा रहे थे, जिसकी वजह से ब्रिटेन और रूस को इस बात का मौक़ा मिल गया कि वह दूसरे मोर्चों पर अपनी पोज़िशन मज़बूत बना सकें और ईरान के दक्षिण में जन प्रतिरोध को कुचल[...]
- पहला विश्व युद्ध समाप्ति पर था, दो साल में ईरान की चालीस फ़ीसद आबादी भूख और कुपोषण से मर गई ईरानियों ने युद्ध में निष्पक्षता का एलान किया था, उसके बावजूद युद्ध ने ईरान को भारी नुक़सान पहुंचाया था। अंग्रेज़ों ने खाद्य पदार्थों को बड़ी मात्रा में स्टोर कर लिया था, जिससे खाने-पीने की बुनियादी चीज़ें दुर्लभ हो गई थीं।
- चर्चिल: एक असफल छात्र से ब्रिटिश प्राइम मिनिस्टर तक इस पॉडकास्ट में हम विंस्टनचर्चिल के जीवन के उस पहलू को जानेंगे, जहाँ उन्हें बचपन में कमज़ोर और असफल माना जाता था। स्कूल में उनके संघर्ष,साथियों द्वारा धमकाए जाने की घटनाएँ, और फिर भी कैसे उन्होंने अपनी मेहनत और दृढ़ संकल्पसे इतिहास के सबसे महान नेताओं में से एक बनने का[...]
- एल डोराडो और अमृत: यूरोपीय खोजकर्ताओं की खोई हुई खोज इस पॉडकास्ट में हम अमेरिकीमहाद्वीप की यूरोपीय खोजकर्ताओं द्वारा की गई दो रहस्यमयी खोजों के बारे में जानेंगे – सोने के पौराणिक शहर एल डोराडो की खोज और अमृत (युवा बने रहने का रहस्य) की तलाश।क्या ये सिर्फ़ किंवदंतियाँ थीं या इनमें कोई सच्चाई छुपी हुई थी? जानिए कैसे ये[...]
- तेल युद्ध: रॉकफ़ैलर बनामरोथ्सचाइल्ड्स की सत्ता की जंग इस पॉडकास्ट में हम 19वीं सदी की उस गुप्त आर्थिक लड़ाई की कहानी सुनेंगे, जब रॉकफ़ैलर की स्टैंडर्ड ऑयल ने एशिया के बाज़ारों पर कब्ज़ाकर लिया और रोथ्सचाइल्ड्स परिवार ने भी इस प्रभुत्व को चुनौती देनी शुरू कर दी। कैसेतेल, धन और साम्राज्यवाद की यहजंग आधुनिक वैश्विक अर्थव्यवस्था की नींव बनी? जानिए[...]
- तेल का प्राचीन रहस्य:4500 साल पहले की पेट्रोलियम क्रांतिक्या आप जानते हैं कि आज से4500 साल पहले ही सुमेरियन, असीरियन और बेबीलोनियन सभ्यताएँ तेल का इस्तेमाल कर रही थीं? इस पॉडकास्ट में हम खोजेंगे कि कैसे प्राचीन ईरान में बिटुमेन झीलों से तेल निकालाजाता था और उसे जहाज़ों को इन्सुलेट करने जैसे कामों में लगाया जाता था। यूनानी इतिहासकारहेरोदेत्स ने[...]
- तेल की खोज और भूवैज्ञानिकहोम्स: धरती के गर्भ में छिपे रहस्य इस एपिसोड में हमतेल की खोज के रोमांचक इतिहास और भूवैज्ञानिक होम्स की गतिविधियों पर चर्चा करेंगे।जानिए कैसे वैज्ञानिकों ने धरती की परतों के रहस्यों को समझकर तेल के भंडारों का पतालगाया। होम्स की तकनीकों और उनके प्रभाव को समझने के लिए यह पॉडकास्ट ज़रूर सुनें!
- तेल, ताक़त और राजनीति:कैसे तेल कंपनियों की लूट पर रोक लगी?तेल की दुनिया में सत्ता औरपैसे का खेल हमेशा से रहा है। इस एपिसोड में हम उस दौर की कहानी सुनाएँगे जब विदेशी तेल कंपनियों ने ख़ूब मुनाफ़ा कमाया, लेकिन फिर तेल समृद्ध देशों के शासकों ने अपनी सूझ-बूझसे अपना हिस्सा बढ़ाने की रणनीति अपनाई। जानिए कैसे राष्ट्रीयकरण, OPEC का[...]
- नेपोलियन का मिस्र अभियान:एक असफल विजय और मध्य पूर्व की लड़ाई"1798 में, प्रथम विश्व युद्ध से लगभग एक सदी पहले, नेपोलियन बोनापार्ट ने 5 लाख 40 हज़ार सैनिकों और 190 जहाजों की विशाल सेना के साथ मिस्र पर विजय पानेका प्रयास किया। उतरने से पहले, उसने मिस्र के लोगों को एक चतुराई से लिखा संदेश भेजा—जिसमें उसने दावा किया कि[...]
- अफ्रीका में पुर्तगालियों का काला इतिहास: गुलामी, सोना और धर्म का छल इस एपिसोड में हम अफ्रीकामें पुर्तगालियों के काले इतिहास पर चर्चा करेंगे। कैसे उन्होंने सोने और गुलामों के लिए अफ्रीकियों के साथ अमानवीय अत्याचार किए, कैसे उन्होंने धर्म का प्रचार करने के बहाने लोगों को धोखा दिया,और कैसे कांगो के शासक ने पुर्तगाल के राजा को चेतावनी भरा पत्र[...]
- अफ्रीका में यूरोपीय छल: कबीलों की फूट और रात के युद्ध का डर इस एपिसोड में हम अफ्रीका पर यूरोपीयनों के कुटिल हमलों की कहानी सुनेंगे। कैसे उन्होंने स्थानीय कबीलों की आपसीलड़ाइयों का फायदा उठाया, कैसे कुछ कबीलों ने गोरों का साथ देकर अपने ही लोगों के खिलाफ युद्ध किया, और कैसे अंधविश्वासों ने अफ्रीकियों को रात के हमलों जैसे प्रभावीहथियार[...]
- 17 अक्टूबर 1961 की रक्तरंजितरात: पेरिस में अल्जीरियाई नरसंहार का काला इतिहासइस एपिसोड में हम 17 अक्टूबर 1961 की उस भयावह रात की कहानी सुनेंगे, जब पेरिस की सड़कों पर अल्जीरियाई प्रदर्शनकारियों का निर्ममतापूर्वक दमन कियागया। फ्रांसीसी पुलिस ने सैकड़ों निर्दोष लोगों को गोली मार दी, हजारों को गिरफ्तार किया, और कई को सीन नदी में डुबो दिया। 60 साल[...]
- उमर मुख़्तार: लीबिया के सिंह की प्रेरक जीवन गाथा इस एपिसोड में हम लीबिया के महान स्वतंत्रता सेनानी और सनुसी नेता उमर मुख़्तार के प्रारंभिक जीवन की अनकही कहानीसुनेंगे। जानिए कैसे एक अनाथ बालक ने अपनी असाधारण बुद्धिमत्ता, धार्मिक शिक्षा और नैतिक दृढ़ता के बल पर पूरे लीबिया का प्रेरणास्रोत बन गया। उनकी कुरान से लगाव, कबीलाई संघर्षों को सुलझाने की[...]