May 17, 2024
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- अमरीका लगभग 247 साल पुराना देश है जिसने अपने जीवन की इतनी सी मुद्दत में 227 जंगों में हिस्सा लिया। बीसवीं सदी के दूसरे पचास वर्षों में उसने 22 देशों पर सैनिक चढ़ाई की। इन हमलों का निशाना बनने वाले अधिकतर आम नागरिक और ख़ास तौर पर महिलाएं और बच्चे हैं। क़त्ले आम, यौन उत्पीड़न[...]
- क्या हीरोशीमा, नागासाकी, मे लाई, वियतनाम, इराक़ और अफ़ग़ानिस्तान में महिलाएं, लड़कियां और बच्चे ही अमरीका के अपराधों का निशाना बने और क़त्ल कर दिए गए? क्या दुनिया के दूसरे इलाक़ों में महिलाएं अमरीकी हमलों से बची रहीं? ख़ुद अमरीकी महिलाओं की क्या दशा है? क्या अमरीकियों ने अपना हिंसक और वहशीपन का स्वभाव केवल[...]
- ईरानी कैलेंडर में 27 जून से लेकर 3 जुलाई तक को अमरीकी मानवाधिकार सप्ताह का नाम दिया गया है। इसका कारण यह है कि अमरीकी अपराधों विशेष रूप से ईरानी जनता पर अमरीकी अत्याचारों को याद रखा जाए। बड़ी शक्तियां अपने हितों को साधने के लिए अपनी ताक़त का इस्तेमाल करत रही हैं, ताकि वह[...]
- ईरानी कैलेंडर में 27 जून से लेकर 3 जुलाई तक को अमरीकी मानवाधिकार सप्ताह का नाम दिया गया है। इसका कारण यह है कि अमरीकी अपराधों विशेष रूप से ईरानी जनता पर अमरीकी अत्याचारों को याद रखा जाए। बड़ी शक्तियां अपने हितों को साधने के लिए अपनी ताक़त का इस्तेमाल करत रही हैं, ताकि वह[...]
- ईरान के कैलेण्डर में चौथे महीने की 6 तारीख से लेकर 12 तारीख अर्थात 27 जून से 3 जूलाई को "अमरीकी मानवाधिकार" सप्ताह के रूप में घोषित किया गया है। शमसी कैलेण्डर में चौथे महीने का नाम तीर है। तीर वह महीना है जिसके दौरान ईरान के भीतर कई महत्वपूर्ण आतंकवादी घटनाएं घटीं। इसका कारण[...]
- अंतर्राष्ट्रीय क़ानूनों और नियमों के मुताबिक़, प्रत्येक व्यक्ति का सबसे बुनियादी और स्पष्ट अधिकार, उस देश का नागरिक होना है, जहां वह पैदा हुआ और रहता है। लेकिन म्यांमार में रोहिंग्या मुसलमानों को इस बुनियादी अधिकार से वंचित रखा गया है। अराकान या रखाइन प्रांत, रोहिंग्याओं का ऐतिहासिक और पैतृक वतन है। यह लोग सैकड़ों[...]
- अराकान (रखाइन) समेत पूरे म्यांमार पर ब्रिटिश साम्राज्य के क़ब्ज़े का दिलचस्प इतिहास है। अंग्रेज़ों ने जब पूरे भारत पर क़ब्जा कर लिया तो उन्होंने नाफ़ नदी के उस पार और वर्तमान म्यांमार पर ध्यान दिया और वहां सैन्य चढ़ाई कर दी। अरकान में बर्मा की पहली लड़ाई लड़ी गई। अरकान में अंग्रेज़ों और स्थानीय[...]
- 1962 में म्यांमार के सैन्य जनरलों ने यू नू ( UNU) या थाकिन नू की सरकार का तख़्तापलट दिया। तीन समुदायों शान, राखीन और रोहिंग्या के संयुक्त प्रतिरोध व आंदोलन के नतीजे में तैयार होने वाले संविधान को रद्द कर दिया। परिणाम स्वरूप, रोहिंग्या मुसलमानों को जो भी सुविधा प्राप्त हुई थी, वह ख़त्म हो[...]
- हमने तकफ़ीरी गुटों के वैचारिक सिद्धांतों का उल्लेख किया था और यह सिद्ध किया था कि इनमें से सबसे प्रमुख गुट दाइश का वहाबियत विचारधारा से क्या संबंध है। वहाबियत के जन्म लेने और इसमें ब्रिटेन की भूमिका से पता चलता है कि इस मत को शुरू से ही मुसलमानों के बीच मतभेद उत्पन्न करने[...]
- सलफ़ियों का एक मूल सिद्धांत आयतों और रिवायतों के समझने में बुद्धि की भूमिका को रद्द करना है। सलफ़ियों या तकफ़ीरियों के निकट बुद्धि का कोई स्थान नहीं है। उनका मानना है कि क़ुरान और पैग़म्बरे इस्लाम (स) के आचरण में धर्म के पूर्ण सिद्धांत मौजूद हैं और इन्हें समझने और उनका पालन करने के[...]
- ईरान के कैलेण्डर में चौथे महीने की 6 तारीख से लेकर 12 तारीख अर्थात 27 जून से 3 जूलाई को "अमरीकी मानवाधिकार" सप्ताह के रूप में घोषित किया गया है। शमसी कैलेण्डर में चौथे महीने का नाम तीर है। तीर वह महीना है जिसके दौरान ईरान के भीतर कई महत्वपूर्ण आतंकवादी घटनाएं घटीं। इसका कारण[...]
- दाइश ख़ुद को अंतिम काल में मानवता को मुक्ति दिलाने वाला गुट मानता है। वह ख़ुद को अंतिम मुक्तिदाता के रूप में पेश करना चाहता है। दाइश की पत्रिका दाबिक़ में इस तरह का काफ़ी प्रचार किया जाता है। दाबिक़ के दूसरे अंक में अंतिम पेज पर सही मुस्लिम के हवाले से पैग़म्बरे इस्लाम (स)[...]
- भाजपा के ख़िलाफ़ बने इंडिया गठबंधन में आए दिन नई समस्याएं पैदा हो रही हैं। अब ख़बर आ रही है कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कांग्रेस को लेकर अपना रुख़ सख़्त कर लिया है और अब वह कांग्रेस से बातचीत के लिए अपना कोई प्रतिनिधि नहीं भेजेंगी। इधर कांग्रेस पार्टी के सदस्य[...]
- भारत में जहां विपक्ष में बिखराव बढ़ता ही जा रहा है वहीं सबसे बड़ा विपक्षी दल कांग्रेस विपक्ष को सरकार के विरुद्ध एक मंच पर लाने की कोशिशें कर रहा है। इसी कोशिश के अंतर्गत कांग्रेस नेता राहुल गांधी 14 जनवरी से भारत न्याय यात्रा शुरू करेंगे जो 14 राज्यों के 85 ज़िलों को कवर[...]
- दोस्तो हमारे भारतीय समाज में धार्मिक सद्भावना की जड़ें इतनी गहरी हैं कि दुनिया भारत के इस सद्भावना पूर्ण इतिहास की मिसालें पेश करती है। भारत को "अनेकता में एकता" रखने वाले देश के रूप में जाना जाता है। भारत के इतिहास पर नज़र डालने से पता चलता है कि इस देश में हमेशा हर[...]
- दोस्तो यह तो आप सब देख ही रहे हैं कि भारत और कनाडा का संबंध कुछ ही दिनों में बहुत तेज़ी से अपने निचले स्तर पर पहुंच चुका है। वैसे यह यहां यह बताना ज़रूरी है कि यह सब जो हो रहा है वह कुछ ही दिनों की बात नहीं है। बल्कि कई वर्षों से[...]